पत्रकार आरिफ जाफरी ने अपना 'सपना' बेचकर ज़रूरतमंदों को ऑक्सिजन मुहैया कराया

पत्रकार आरिफ जाफरी ने अपना 'सपना' बेचकर ज़रूरतमंदों को ऑक्सिजन मुहैया कराया
जौनपुर-इस्‍लाम को मानने वाले ऐसा कहते हैं इस धरती पर किए गए नेक काम का सवाब (स‍िला) ऊपर अल्‍लाह जरूर देगा. हालां‍कि ये बात उनके लिए है जो अल्‍लाह पर यकीन रखते हैं  उसे और उसकी कही बातें समझते और अमल करते हैं. आरिफ का मतलब यही होता कि अल्‍लाह को जानने वाला. अब आप सोच में पड् गए होंगे यहां आपको इस शब्‍द का मतलब क्‍यों बताया जा रहा है, दरअसल,  जौनपुर जिलेे के निवासी आरिफ ने ये बात सच कर दिखाई है जिन वा‍क्‍य का जिक्र ऊपर किया गया हैै. इस समय जब सांस भी महंगी हो गई है और ये 'सांसे' लोगों को हजारों लाखों रुपये खर्च करने पर भी नहीं मिल रही हैं तो आरिफ नेे ये लोगों के लिए सच कर दिखाया है. 

कोरोना वायरस महामारी के चलते जौनपुर शहर में ऑक्सीजन की किल्लत दिन-ब-दिन तेजी से बढ़ती जा रही थी. इस बीच पेशे से पत्रकार और समाजसेवी आफिर हसन आरिफ जाफरी जो वाराणसी मंडल के पत्रकार हैं उन्‍होंने लोगों को ऑक्‍सीजन मुहैया कराने में बहुत बड़ा़ योगदान दिया.  इसके लिए उन्‍होंने अपना सपना यानि कैमरा बेच दिया और उससे जो पैसे मिले ऑक्सीजन खरीद कर लोगों को नि:शुल्क देने लगे और निकल पड़े। कहते हैं कि जब नेक काम करो तो आपकी मदद कुदरत भी करती है आरिफ जिस नेक राह पर निकलेे थे उनकी मदद भी हुई  उन्‍हें एक संस्‍था का सहयोग मिला और उसकी मदद से जरूरतमंदों को उन्‍होंने न धर्म देखा न ही जात‍ि और ऑक्सिजन मुहैया करवाया।
 
आरिफ जाफरी के घर पर खुद ही करीब 11 लोग गंभीर रूप से बीमार हैंं, इनमें से कुछ को ऑक्‍सीजन की भी जरूरत है. आमतौर पर जो समाज का ताना बाना है लोग पहले अपनी मदद करते हैं बाद में दूसरों के बारे में सोचते हैं लेकिन आरिफ जाफरी ने यहां भी बड़ा दिल दिखाया और अपनों से पहले दूसरों की मदद के लिए आगे आए. हसन आरिफ जाफरी लोगों को जिंदगी देने में लगे हुए हैं और उनको सांसे बांट रहे हैं हम ऐसे जज्बे को सलाम करते हैं और आशा करते हैं कि ऐसे लोग हर वक्त में हमारे साथ रहें और हमेशा ऐसे ही समाज सेवा करते रहें.

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