जौनपुर तेजी बाजार थाना क्षेत्र ग्राम चितौड़ी के एक मध्यम परिवार में रहने वाली 24 वर्षीय खुशी जायसवाल पुत्री सुरेश चंद्र जायसवाल ने वो कर दिखाया जो आज हर एक लड़की का सपना होता है। उन्होंने साबित कर दिया कि लड़कियां लड़कों से किसी मामले में कमजोर नहीं है।
आपको बताते चले अजमेर (राजस्थान) में चल रहे तीन दिवसीय गेम चेंजर ग्रुप द्वारा आयोजित लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम में महिला सशक्तिकरण एवं महिला स्वावलंबन के क्षेत्र में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने वाली 24 वर्षीय खुशी जायसवाल को "द वूमेन प्राइड अवार्ड” से सम्मानित किया गया। जिसमें देश के कई हिस्सों से लोग प्रतिभाग करने आए।
इतना ही नहीं उन्हें गेम चेंजर ग्रूप के व्यवसायिक संरचना में भी अपना उत्कृष्ट योगदान देते हुए सिल्वर लेवल हासिल कर अपना परचम लहरा दिया ,जो कि यह एक बड़ा ही चुनती पूर्ण था, जिसे खुशी जायसवाल ने अपनी कड़ी मेहनत और अपने मजबूर इरादों से हासिल कर दिखाया, जिसके लिए उन्हें विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया,
साथ ही आधुनिक क्षेत्र में फेसबुक एड सर्विस के लिए उनका बेहतरीन और उत्कृष्ट योगदान होने के कारण उन्हें इसके लिए भी विशेष सम्मान दिया गया, तीन पुरस्कार एक साथ पा कर खुशी जायसवाल भावुक हो गई,
उन्हें अपने जीत का श्रेय अपने माता पिता और अपने गुरु धीरेंद्र सिंह को दिया। खुशी जायसवाल को उनके कड़ी मेहनत , दृढ़ संकल्प और महिला सशक्तिकरण,एवं महिला स्वावलंबन में अपना उत्कृष्ट योगदान देने हेतु उन्हें तीन पुरस्कार से सम्मानित किया गया जो बड़े ही गर्व की बात है।
आपको बताते चलें की खुशी जायसवाल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा और उच्च शिक्षा अपने गांव के विद्यालय से पूर्ण कि, और वर्तमान में खुशी वकालत की पढ़ाई उमा नाथ ला कालेज जौनपुर से कर रही है, जिनकी एक बड़ी बहन और एक बड़ा भाई है और उनके पिता राजस्व विभाग में कार्यरत हैं और उनकी माता ग्रहणी है।
वर्तमान में खुशी वकालत की पढ़ाई के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा चलाए गए विशेष मुहिम महिला सशक्तिकरण और महिला स्वावलंबन में अपना उत्कृष्ट योगदान दे कर महिलाओं को डिजिटल तकनीकी से जोड़ कर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने योग्य बना रही है, जिसमें अभी तक लगभग 275 महिलाओं और कुछ पुरुषों को भी वे इस योग्य बना चुकी है, खुशी ने कहा "मैं 3 वर्षों से यह कार्य कर रही हूं, जिसकी सफलता मुझे अब मिली है, यह पुरस्कार मेरे लिए प्रेरणा है मैं चाहूंगी इस देश की हर महिला आर्थिक रूप से स्वतंत्र बने, और अपने हर सपनों को पूरा करे। यही मेरा लक्ष्य है जिसके लिए मैं पूरी मेहनत करने के लिए रहूंगी हूं।
रिपोर्ट -सत्यम प्रजापति
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