राजेश की मुहिम रंग लाई,खुशी की सहायता को लोगों ने बढ़ाये हाथ
जौनपुर।मैं अकेला ही चला था मंजिले जानिब को मगर,लोग मिलते गए और कारवां बन गया।
उक्त लाइनें चर्चित समाजसेवी राजेश कुमार पर एकदम सटीक बैठती है।कुछ ऐसा ही वाक्य गत सप्ताह हुआ जब लाइन बाजार की रहने वाली एक किशोरी खुशी जैस्वाल दुर्भाग्यवश एक बाइक की चपेट में आकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई है और उसके बाएं तरफ का पैर कई जगह से टूट गया है और और उसका प्लीहा भी चोटिल हो गया है आंत भी फट गई।परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा खराब होने के कारण उसके माता पिता इलाज हेतु दर-दर भटक रहे थे किसी तरह से शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज शुरू हुआ लेकिन आर्थिक स्थिति बहुत खराब होने की वजह से इलाज करवाने में बहुत मुश्किल का सामना करना पड़ रहा था ।जैसे ही इसकी जानकारी समाजसेवी राजेश को पता लगी वे फौरन अस्पताल में जाकर के उसे बेटी के इलाज हेतु स्वयं आर्थिक सहायता किया व वीडियो बनाकर के शहर के लोगों से अपील किया। जैसे ही वीडियो सोशल मीडिया पर चारों तरफ फैला और कई संस्था अध्यक्षों व अन्य लोगों ने खुद ही मुझे फोन करके बुला करके दान किया जिसे किशोरी के माता पिता को दे दिया गया।धीरे धीरे बिटिया की मदद करने वाले लोगों का तांता लग गया ।
राजेश कुमार विकलांगों, बूढ़ों, असहयोग, बीमारों, अर्ध विक्षिप्त, विक्षिप्त और दुर्घटनाग्रस्त लोगों की मदद करने के कारण हर समय जनपद में चर्चा में रहते हैं और यह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंधन विभाग में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर भी हैं समाजसेवी के आह्वान पर मदद करने वाले सर्वेश जयसवाल , जय किशन साहू, दिलीप सिंह, प्रदीप सिंह शिवा सिंह, उद्योगपति ज्ञान प्रकाश सिंह, प्रदीप सिंह, रिंकू सिंह अजीत सोनकर शशांक सिंह रानू और बैंक कर्मी चंदन कुमार रहे।
रिपोर्ट:- सत्त्यम प्रजापति
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