ईदे ग़दीर के मौक़े पर आमाल व महफ़िल का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ



दिनांक-15/06/2025
जौनपुर नगर के बलुआघाट स्थित हाजी मोहम्मद अली खाँ मरहूम के इमामबारगाह में ईदे ग़दीर का आमाल मौलाना अली अब्बास साहब ने करवाया उसके बाद महफ़िल का आयोजन हुआ जिसमें नगर के बेहतरीन शायरों ने अपना अपना कलाम पेश किया। तत्पश्चात उन सभी शायरों को पुरुस्कार दे कर सम्मानित किया गया।

ईदे ग़दीर के पाक दिन शहर में रौशनीयों, खुशियों  और मोहब्बत  के पैगाम से भर दिया 
और घर घर मिठाईयों और
सेवइयों से दास्तरख्वान सजते नज़र आये रिश्तेदारों और 
पड़ोसियों के बीच मुबारकबाद का आदान प्रादान हुआ।


 इस कार्यक्रम के व्यवस्थापक शहर गांव दर्पण (समाचारपत्र) के संपादक शब्बीर हैदर अम्मार ने किया जशने ईदे ग़दीर के अवसर पर शहर के मशहूर शायरों ने अपने-अपने गैर तरही कलाम को अपने-अपने खूबसूरत अंदाज में पेश किया इसके बाद मौलाना अली अब्बास साहब ने ईदे ग़दीर का आमाल करा कर खुशी का इजहार किया। 
आप को बताता चलू की जशने ईदे ग़दीर व आमाल सन 2009 में मरहूम अली हुसैन (भईया) पुत्र मरहूम इश्तियाक हुसैन ने अकेले इसकी शुरुआत की थी मरहूम अली हुसैन (भईया) के सन 2015 में इंतेक़ाल हो जाने के बाद से जशने ईदे ग़दीर के अमाल और महफ़िल के प्रोग्राम को उनके छोटे भाई अम्मार के द्वारा आज भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है जिसमें सैकड़ो की संख्या मे लोग शिरकत करते है।

मरहूम अली हुसैन (भईया) के छोटे भाई अम्मार  से वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि यह प्रोग्राम मेरे बड़े भाई ने कायम किया था इसलिए और जशने ईदे ग़दीर हमारी कौम के लिए ईद से बड़ी खुशी का दिन है इस दिन इस्लाम धर्म के प्रवर्तक हज़रत मोहम्मद स.अ. ने अपने उत्तराधिकारी का ऐलान किया था 
इसदिन ग़रीबो को भोजन कराना चाहिए और नए नए वस्त्र धारण करना चाहिए लोगों को बधाईयाँ देना चाहिए।
इसलिए हम सभी जशने ईदे ग़दीर बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं और आगे भी इसी तरह मनाते रहेंगे।
बच्चों ने नये नये वस्त्र पहनकर जश्न मनाया और बड़ो से मिली ईदी ने उनके चाहरों पर मुस्कान और भी बढ़ा दी 
 इस अवसर पर  मिर्ज़ा जमील,राजेश,रूबी,
शानू,जावेद,नौशी, नफ़ीस,क़ैफ़ी,रूमी,नजफ़,प्रिंस,सोनू,सूरज,मुन्ना,अब्बास,खुर्रम,जिम्मी,राजन,ज़ीशान,पत्रकार रियाजुल, अज़मत अली आदि लोग ग़दीर के मौके पर उपस्थित रहे और सभी को ढेरों बधाईयाँ दी।

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